महासभा में युद्ध विराम का प्रस्ताव पास होने की उम्मीद, लेकिन क्या संयुक्त राष्ट्र छिपा पाएगा अपनी नाकामी!
उन्होंने इस बात को रेखांकित करते हुए कि फिलिस्तीनी बीते 56 साल से दमघोंटू वातावरण में जी रहे हैं, उन्होंने कहा था, “इजरायल को अपनी वैध सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए और फिलिस्तीन को भी अपनी वैध सुरक्षा का हक है, क्योंकि स्वतंत्र राष्ट्रों के लिए संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों, अंतरराष्ट्रीय कानून और पूर्व में किए गए समझौतों के अनुकूल स्थिति है।”
बीते करीब तीन सप्ताह से गाजा में जारी बमबारी के चलते गाजा मलबे का ढेर बनता जा रहा है। मकान ध्वस्त हो चुके हैं. अस्पताल, स्कूल और अन्य इमारते जमींदोज हो गई है और महिलाओं और बच्चों समेत 7000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इन हालात को लेकर संयुक्त राष्ट्र की अभी तक की नाकामी से लोगों के बीच हताशा है।
चूंकि अमेरिका समेत समूचा पश्चिम अभी तक इजरायल का साथ देता आ रहा है, और कह रहा है कि उसे हमास को खत्म कर अपनी रक्षा करने का अधिकार है, ऐसे में शांति की उम्मीद फिलहाल बेहद धुंधली है।