उत्तरकाशी सुरंग में फंसे कामगारों के बचने की उम्मीदें अभी तक धूमिल, नए सिरे से एक साथ 5 तरीके आजमाने की तैयारी
लेकिन शनिवार को अफसरों ने पहली बार इस बात को दबे सुरों में स्वीकारा कि सबकुछ ठीक नहीं है। और इस बात की पुष्टि इससे होती है कि जो दवाएं कामगारों को भेजी जा रही हैं उनमें एंटी डिप्रेसेंट यानी मानसिक तनाव कम करने वाली दवाएं भी शामिल हैं। सुरंग में फंसे कामगारों के ऐसे परिवार जिन्हें अपने परिजनों से बात करने का मौका मिला, उनका कहना है कि सभी नहीं तो कम से कम कुछ लोग तो बीमार या कमजोर महसूस हो रहे हैं।
इस बीच उत्तराखंड सरकार ने अपने स्तर पर काफी व्यवस्थाएं कर रखी हैं। इनमें मौके पर एंबुलेंस, जेसीबी मशीनें, ट्रक, कल-पुर्जे, ड्रिलिंग मशीनें, ऑख्सीजन और अस्थाई हैलीपैड आदि बनाने जैसे काम शामिल हैं। हैलीपैड दुर्घटना स्थल से कोई पांच किलोमीटर दूर बनाया गया है, जिसका इस्तेमाल फिलहाल विशेषज्ञों को लाने-ले जाने के लिए किया जा रहा है।
इन सारी व्यवस्थाओं और कोशिशों के बीच 41 जिंदगियां अधर में झूल रही हैं, जिनमें बड़ी संख्या झारखंड, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम जैसे पूर्वी राज्यों की है। 8 कामगार उत्तर प्रदेश से हैं। दो उत्तराखंड से और एक हिमाचल प्रदेश से है।